हम उन रणनीतियों, और संगठनों को आर्थिक मदद देंगे, जो बाल विवाह और शीघ्र समागम को समाप्त करने के काम में लगी हैं. हम स्थानीय रूप से इस समस्या का समाधान ढूँढने वाले विचारों में अत्यधिक रुचि रखते हैं जिनमें यह दर्शाया गया हो कि कैसे लड़कियां, उनके परिवार, और समुदाय इस प्रकार की परिकल्पना की रूपरेखा तैयार करने और उसे लागू करने में शामिल हो सकते हैं.
हम विशेष रूप से उन संस्थाओं से सुनने के इच्छुक हैं जो निम्नलिखित में से कुछ या सभी आवश्यकताओं की पूर्ति करती हों :
- बालिका या महिलाओं द्वारा संचालित हों
- सार्थक रूप से कार्यक्रम प्रारूप तैयार करने, उन्हें लागू करने, और उनकी निगरानी करने का निर्णय लेने में बालिकाओं को शामिल करती हों (अर्थात स्त्री-केन्द्रित हों)
- ऐसे समाज का निर्माण कर रही हैं, जिसमें बालिकाओं को अपने भविष्य का निर्णय खुद करने की आज़ादी हो, और उन्हें बिना किसी लैंगिक भेदभाव के, सभी प्रकार के अवसर और अधिकार उपलब्ध हों (अर्थात लिंग-निरपेक्ष)
- जो विशिष्ट धार्मिक, राजनीतिक, आर्थिक, और सांस्कृतिक रीति-रिवाजों के स्थानीय हल का समर्थन करते हों और बाल विवाह और शीघ्र समागम के विरोध में योगदान देने के संवाहक हों
- जिनकी पहुँच अत्यधिक संवेदनशील और तिरस्कृत, जोखिम युक्त, विवाहित या पूर्व-विवाहित बालिकाओं तक हो
- बालिकाओं को समाज में लेने को बढ़ावा देते हों, ताकि वे समाज में योगदान दे सकें और समाज उनकी मदद करे
- निम्न में से किसी एक या एक से अधिक पर केन्द्रित हो :
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- बालिका नेतृत्व
- सामाजिक वर्जनाओं, रवैये, और व्यवहार को तोड़ना जिसके कारण बाल विवाह या शीघ्र समागम (गौना) की कुप्रथा जारी है
- बालिकाओं की 12 वर्ष की आयु तक की सुरक्षित, मुफ्त और गुणवत्ता-युक्त शिक्षा तक पहुँच में सुधार
- यौन और प्रजनन से संबन्धित स्वास्थ्य शिक्षा, सूचना और सेवाओं तक पहुँच बढ़ाना, जिसमें सुरक्षित गर्भपात (जहां यह वैधानिक हो) और गर्भ समापन के बाद की देखभाल भी शामिल है
समुदाय-आधारित संगठन और स्थान-केंद्रित राष्ट्रीय या उप-राष्ट्रीय संगठन जो निम्नलिखित स्थानों में काम करते हैं, वे आवेदन करने के लिए पात्र हैं:
- कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (हौत-कटंगा और / या तांगानिका प्रांत)
- डोमिनिकन गणराज्य
- भारत (झारखंड राज्य)
- नेपाल
- नाइजर
- युगांडा
हम एक समुदाय-आधारित संगठन (सीबीओ) को एक ऐसे संगठन के रूप में परिभाषित करते हैं, जो समुदाय से जुड़ा है, समुदाय के भीतर से काम करता है, समुदाय के प्रति जवाबदेह है, और उसके कार्यकर्ता समुदाय के ही लोग है.
सीबीओ स्थानीय स्तर (पड़ोस, शहर, जिला) को सीधे प्रभावित करने वाले मुद्दों और चिंताओं पर ध्यान केंद्रित करता है. इनमें औपचारिक और अनौपचारिक दोनों तरह के संगठन शामिल हैं. सीबीओ को कभी-कभी जमीनी स्तर के संगठनों या स्थानीय-नेतृत्व वाले संगठनों के रूप में जाना जाता है। सीबीओ में शामिल हैं, लेकिन इन तक सीमित नहीं हैं:
- सामुदायिक समूह
- स्व-सहायता समूह
- महिलाओं के समूह
- लड़कियों के समूह
- युवा समूह
- देसी समूह
- संगठन
- नेटवर्क, सामूहिक और गठबंधन
- गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ)
- नागरिक समाज संगठन (सीएसओ)
- धर्मार्थ संगठन
- धार्मिक संगठन (जिनके पास अनिवार्य रूप से धर्मांतरण-रोधी नीति हो)
- श्रमिक संघ
हम एक स्थान-केंद्रित राष्ट्रीय और उप-राष्ट्रीय संगठन को एक ऐसे संगठन के रूप में परिभाषित करते हैं, जिसकी समुदाय के भीतर तक पहुँच हो, जहां कार्य कराया जाना है उन समुदायों की उसे संदर्भात्मक जानकारी हो. वे भागीदारी कार्य में विश्वास करते हैं, और स्थानीय जानकारी, स्थानीय संपर्क और कार्यक्रम निर्देश, और रणनीतियों के साथ काम करते हैं. वे ऊपर से नीचे आने वाले कार्यक्रम प्रारूप से बचते हों. उनकी संस्था का नेतृत्व और मुख्यालय देश में स्थित हो; वे किसी अंतर्राष्ट्रीय संस्था की सहयोगी/ शाखा न हों. अर्हता के लिए उन्हें उन क्षेत्रो के समुदायों के साथ कार्य करने का अनुभव होना चाहिए, जहां प्रस्तावित कार्य किया जाना है.
- व्यक्ति
- अंतर्राष्ट्रीय ग़ैर सरकारी संस्था
- अंतर्राष्ट्रीय ग़ैर सरकारी संस्था से संबद्ध एनजीओ या उसकी शाखा और/या जहां मुख्यालय या नेतृत्व उस देश (कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, डोमिनिकन गणराज्य, भारत, नेपाल, नाइजर, युगांडा) के बाहर स्थित है, जहां कार्य होना है.
- ज्ञात राजनीतिक संबद्धता वाले संगठन, जो राजनीतिक समूहों से सहायता लेते-देते हैं.
- लाभ कमाने के लिए बनी संस्थाएं
- धार्मिक संगठन, जो कार्यक्रमों और क्रियाकलापों के जरिये व्यक्तियों का धर्मांतरण करने या लोगों को किसी विशेष धार्मिक पंथ, विचारधारा, विश्वास, मिशन या दृष्टिकोण अपनाने की वकालत करते हों.
- अनुसंधान या शैक्षिक संस्थान